· नोएडा और गाज़ियाबाद में यात्रियों के लिए 6 मार्गों पर सेवाएं
· दशहरा के मौके पर ‘दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ रु. 49 में कहीं भी से कहीं भी जाने का ऑफर’
· यह सेवा 50 से अधिक लंबे मार्गों पर 300 से अधिक बसें चलाती है, दिल्ली/एनसीआर में 10,000 से अधिक यात्राएं रोज़ाना होती हैं
नोएडा, 22 सितंबर, 2016: भारत की सबसे बड़े बस प्लेटफॉर्म शटल ने आज नोएडा और गाज़ियाबाद के यात्रियों के लिए सेवाएं शुरु करने की घोषणा की है। इस ऐप का लक्ष्य नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करते हुए शहर के अंतर्गत सफर करने वाले यात्रियों की दैनिक यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाना है और यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी मिशन का समर्थन करता है। अप्रैल 2015 में शुरुआत के बाद शटल द्वारा वर्तमान में 50 लंबे मार्गों पर सेवाएं संचालित की जाती है और इस प्लेटफॉर्म पर 300 से अधिक बसें मौजूद हैं तथा दिल्ली-एनसीआर में 10,000 दैनिक यात्राएं होती हैं। नोएडा और गाज़ियाबाद क्षेत्र में शटल द्वारा 6 मार्गों पर सेवाएं प्रदान की जाती है जिससे 1000 यात्रियों को रोज के सफर में आसानी होती है। इन मार्गों में – वैशाली से साइबरसिटी, क्रॉसिंग्स रिपब्लिक से नेहरू प्लेस/साइबर सिटी और सेक्टर 126 से वैशाली का समावेश है। कंपनी को यात्रियों से मिलने वाले सुझावों के आधार पर इन मार्गों की संख्या में आगे वृद्धि की जाएगी।
रोज़मर्रा की यात्रा को किफायती दरों पर अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए शटल ने इस बार दशहरा के मौके पर ‘दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ रु. 49 में कहीं भी से कहीं भी जाने का ऑफर’शुरु किया है। यात्री अब सिर्फ रु. 49 में पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में किसी भी मार्ग पर शटल बस सेवा का उपयोग कर सकते हैं और त्यौहारों के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। इसके लिए एक यात्री को शटल पास खरीदना होगा जिसे अंतर्गत वह पहली 2 यात्राएं रु. 49 के खर्च पर कर सकता है। इसके बाद उसे पास का विस्तार करने के लिए रु. 980 का भुगतान करना होगा, जिसके तहत 40 दिनों की अवधि में 20 यात्राएं की जा सकती हैं। इस पहल के साथ शटल से यात्रा करना अब किसी भी दूसरे साधन के मुकाबले अधिक किफायती बन गया है, चाहे कार-पूल हो या ऑटो रिक्शा।
एक स्वच्छ पर्यावरण निर्माण की दिशा में कम खर्चीला साधन प्रदान करते हुए, 20 यात्राओं के इस पैक का उद्देश्य त्यौहारों के दौरान दिल्ली एनसीआर में ट्रैफिक का बोझ कम करना है। पास के खत्म होने पर यात्री इसे उसी कीमत पर नवीकरण (रिन्यू) करा सकते हैं। यह पास 10 अक्टूबर, 2016 तक खरीदे जा सकते हैं और इस अवधि के दौरान रिचार्ज कराने की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी।
कार्यक्रम के दौरान शटल की भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए शटल के सह-संस्थापक श्री अमित सिंह ने कहा, “शटल में हम अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से रोज़ाना के सफर से जुड़ी समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं। हमें एक विश्वसनीय और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा साधन प्रदान करने का गर्व है। जल्द ही नोएडा में नए मार्ग शुरु करने की हमारी योजना है जिससे लोगों को किफायती दरों पर लंबी दूरी का सफर करने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने आगे बताया, “इन किरायों पर दिल्ली-एनसीआर में ग्राहकों को यात्रा के लिए स्मार्ट,किफायती एवं साधन प्रदान करने पर हमें गर्व हैं। इन किफायती पैक्स के साथ हम अपने ग्राहकों को उसी बजट में अधिक सेवाएं हासिल करने की सुविधा दे रहे हैं। इस कदम से यात्रियों को तकनीक के सफलतापूर्वक इस्तेमाल से प्रदूषण घटाने में मदद मिलेगी।”
नियर ऑडियो कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल (NAP)
शटल ने हाल ही में अपने यात्रियों के लिए नियर ऑडियो कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल (NAP) लॉन्च किया है। यह आवाज़ यानि साउंड आधारित बोर्डिंग तकनीक है जो भारत में पहली बार शुरु की गई है। NAP में साउंड के इस्तेमाल से यात्री की बोर्डिंग जानकारी स्थानीय स्तर पर दो सिस्टम –ड्राइवर और यात्री ऐप के बीच ट्रांसफर होती है। यात्री की बोर्डिंग जानकारी साउंड सिग्नल के जरिये बस ड्राइवर के स्मार्टफोन पर भेजी जाती है जिसे ऐप पर मौजूद बटन द्वारा सक्रिय किया जाता है। NAP के साथ एक बड़ा फायदा यह है कि यात्री को बोर्डिंग के वक्त इसके लिए एक सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन की ज़रूरत नहीं होती। आमतौर पर यात्राएं पहले से बुक की जाती हैं और यात्रा शुरु होने से पहले एक बोर्डिंग पास तैयार किया जाता है। यात्री को एक सक्रिय बोर्डिंग पास मिल जाने के बाद वह आसानी से NAP तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बस में सवार हो सकता है और इस दौरान इंटरनेट नेटवर्क मौजूद ना होने पर भी कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकिNAP फीचर बिना रुकावट काम करता है।
इस यंत्रणा द्वारा डेटा तेज़ी से प्राप्त होता है और इसमें क्यू आर कोड स्कैनिंग जैसे पारंपरिक तरीकों या हाथ से बोर्डिंग पास नंबर डालने से भी कम समय लगता है। बोर्डिंग जांच से कंपनी द्वारा विभिन्न मार्गों पर यात्रियों की पहचान की जा सकती है और इससे यात्री के संपूर्ण अनुभव को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
सीएसआर पहलः स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम
समाज को योगदान के रूप में वापस लौटाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए शटल द्वारा अपनी कॉर्पोरेट सोसल रिस्पॉन्सिबलिटी (CSR) के अंतर्गत छात्रों के लिए आपदा प्रबंधन / स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। यह कार्यक्रम हर महीने आपदा प्रबंधन सेल (DMC) के साथ मिलकर संचालित किये जाते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को आपदा प्रबंधन के उपायों से अवगत कराना है और उन्हें आवश्यक सावधानियों के लिए तैयार किया जाता है जो एक प्राकृतिक आपदा के दौरान बरती जानी चाहिए। इस वर्ष अप्रैल माह से नोएडा में शटल ने नौ आपदा प्रबंधन कार्यक्रम संचालित किये हैं। इन कार्यक्रमों के जरिये शटल को 8000 से अधिक स्कूली बच्चों और कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन उपायों के लिए प्रशिक्षित करने में सफलता मिली है।
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