रूसी फिल्म फेस्टिवल 2024 भारत में बड़ी धूमधाम से लौटा और सिनेमा प्रेमियों और सांस्कृतिक प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह फेस्टिवल 12 से 15 दिसंबर तक मुंबई के सिनेपोलिस फन रिपब्लिक, अंधेरी में और 13 से 15 दिसंबर तक दिल्ली के सिनेपोलिस, साकेत में आयोजित किया गया।
रूसी संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित इस फेस्टिवल ने भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और मजबूत किया। मुंबई में 12 दिसंबर को हुए उद्घाटन समारोह ने इस फेस्टिवल की सफलता का आगाज किया और दर्शकों को रूसी सिनेमा की कला और संस्कृति से प्रभावित किया।
फेस्टिवल की शुरुआत बहुप्रतीक्षित फिल्म "ट्रायम्फ" से हुई, जिसे निर्देशक मिखाइल लुकाचेव्स्की ने पेश किया। इस कार्यक्रम में रूसी मंत्रालय के प्रतिनिधि, रूसी दूतावास के सांस्कृतिक अधिकारी और अन्य प्रमुख रूसी प्रतिनिधि मौजूद थे।
"ट्रायम्फ" फिल्म ने भारत के दर्शकों को अपनी कहानी और मानवीय भावना से छू लिया। यह फिल्म रूस के याकुतिया क्षेत्र की कहानी दिखाती है, जहां सिर्फ 10 लाख की आबादी है। इस फिल्म के माध्यम से याकुतिया के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं।
फिल्म के बाद, निर्देशक मिखाइल लुकाचेव्स्की ने सवाल-जवाब सत्र में भाग लिया। उन्होंने फिल्म बनाने की प्रक्रिया और चुनौतियों पर बात की, जिससे भारतीय दर्शकों को रूसी सिनेमा को और बेहतर समझने का मौका मिला।
दिल्ली में फेस्टिवल की शुरुआत 13 दिसंबर को हुई, जहां दर्शकों को "आइस 3," "द फ्लाइंग शिप," "द पायरेट्स ऑफ द बराकुडा गैलेक्सी" और "गेस्ट फ्रॉम द फ्यूचर" जैसी फिल्में देखने को मिलेंगी। सभी फिल्मों में अंग्रेजी उपशीर्षक हैं, जिससे यह फेस्टिवल सभी के लिए सुलभ हो गया है।
रूसी फिल्म फेस्टिवल 2024 सिर्फ सिनेमा का उत्सव नहीं है, यह भारत और रूस के गहरे रिश्ते और साझा कहानियों का उत्सव है। यह दिखाता है कि सिनेमा कैसे सीमाओं से परे जाकर लोगों को जोड़ता है।
मुंबई में फेस्टिवल की सफलता के बाद, अब दिल्ली में भी रूसी सिनेमा का जादू दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार है।
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