Wednesday, October 8, 2025

खादी और ग्रामोद्योग आयोगसूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार



प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ दृष्टिकोण के अनुरूप, मुंबई स्थित केवीआईसी मुख्यालय परिसर में 'खादी फेस्ट-2025' का भव्य शुभारंभ।
31 अक्टूबर तक चलने वाले ‘खादी फेस्ट-2025’ का उद्घाटन अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार के करकमलों से किया गया।
38 खादी संस्थाएं, 41 पीएमईजीपी इकाइयां, 4 स्फूर्ति क्लस्टर और 3 ग्रामोद्योग इकाइयां अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं।
अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी मंत्र से प्रेरित ‘खादी’ आत्मनिर्भर और विकसित भारत की पहचान बन गयी है।
 
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने बुधवार को मुंबई स्थित केवीआईसी मुख्यालय परिसर में खादी फेस्ट-2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर खादी उत्पादों पर 20% और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10% की विशेष छूट दी गई है। यह आयोजन 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। खादी फेस्ट-2025 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ तथा ‘गर्व से कहो यह स्वदेशी है’ के संदेश को आगे बढ़ाते हुए खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की विविध प्रदर्शनी, वर्कशॉप और लाइव डेमो आयोजित किए गए हैं, ताकि आम जनता को स्वदेशी उत्पाद अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। कार्यक्रम में केवीआईसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुश्री रूपराशि, संयुक्त सीईओ, सीवीओ, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारीगण समेत केवीआईसी के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी तथा खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पीएमईजीपी, ग्रामोद्योग विकास तथा स्फूर्ति योजना से जुड़े कारीगर और उद्यमी उपस्थित रहे।  
खादी फेस्ट-2025 में 75 स्टॉलों पर 86 प्रतिभागी देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे हैं। इसमें 38 खादी संस्थाएं, 41 पीएमईजीपी इकाइयां, 4 स्फूर्ति क्लस्टर और 3 ग्रामोद्योग इकाइयां अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं। प्रदर्शनी में पश्चिम बंगाल की खादी सिल्क व मलमल, गुजरात की पाटोला, कर्नाटक व ओडिशा की सिल्क खादी, तमिलनाडु की कांचीवरम, बिहार व महाराष्ट्र की सिल्क फैब्रिक, उत्तर प्रदेश व राजस्थान की सूती खादी के साथ ही, राजस्थान की पॉटरी, पुणे का हनी, मुंबई के लेदर प्रोडक्ट्स, बेंगलुरु व दिल्ली की अगरबत्ती और आयुर्वेदिक उत्पाद विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करते हुए कहा कि पूज्य बापू ने खादी को आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का प्रतीक बनाया था, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के माध्यम से खादी को घर-घर तक पहुंचाकर ‘स्वदेशी से समृद्धि’ का माध्यम बना दिया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ जैसे अभियानों ने खादी को राष्ट्रीय गर्व और वैश्विक पहचान दी है। प्रधानमंत्री जी की अपील ‘गर्व से कहो यह स्वदेशी है’, आज स्वदेशी जन जागरण का मंत्र बन चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी के स्वदेशी संकल्प के परिणामस्वरूप खादी-ग्रामोद्योग का उत्पादन 27 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 16 हजार करोड़ रुपये, और बिक्री 33 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के अंतर्गत अब तक 10 लाख से अधिक परियोजनाएं स्थापित हुई हैं, जिनसे 90 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
श्री मनोज कुमार ने कहा, “सेवा और स्वदेशी, यही नये भारत की ताकत है, यही विकसित भारत @2047 की आधारशिला है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में खादी अब केवल वस्त्र नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और अस्मिता का प्रतीक बन गई है।” उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की कि वे अपने जीवन में स्वदेशी वस्त्र और उत्पाद अपनाएं और स्वदेशी अभियान को जनांदोलन बनाएं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं कि वे इस आयोजन को ऐतिहासिक सफलता प्रदान करें। 

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